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शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए जिला निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक पर जारी की पहली रिपोर्ट

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पीजीआई-डी रिपोर्ट में राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में 2018-19 में 725 जिलों और 2019-20 में 733 जिलों को ग्रेडिंग प्रदान किया गया

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने कल 2018-19 और 2019-20 के लिए जिला निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई-डी) जारी किया, जो व्यापक विश्लेषण के लिए एक इंडेक्स बनाकर जिला स्तर पर स्कूल शिक्षा प्रणाली के निष्पादन का आकलन करता है।

भारतीय शिक्षा प्रणाली लगभग 15 लाख स्कूलों, 97 लाख शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लगभग 26 करोड़ छात्रों के साथ दुनिया में सबसे बड़ी है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राज्यों के लिए निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई) तैयार किया और संदर्भ वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए रिपोर्ट जारी की। राज्य पीजीआई की सफलता के आधार पर, जिले के लिए 83-संकेतक के आधार पर पीजीआई (पीजीआई-डी) को स्कूली शिक्षा में सभी जिलों के निष्पादन को ग्रेड प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। जिलों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से डाटा भरा जाता है। उम्मीद है कि पीजीआई-डी से राज्य के शिक्षा विभागों को जिला स्तर पर कमियों की पहचान करने और विकेन्द्रीकृत तरीके से उनके निष्पादन में सुधार करने में मदद मिलेगी। संकेतक-वार पीजीआई स्कोर उन क्षेत्रों को दर्शाता है जहां एक जिले को सुधार की जरूरत है। पीजीआई-डी सभी जिलों के सापेक्ष निष्पादन को एक समान पैमाने पर प्रदर्शित करेगा, जो उन्हें बेहतर निष्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

पीजीआई-डी संरचना में 83 संकेतकों में 600 अंकों की कुल भार आयु शामिल है, जिन्हें 6 श्रेणियों के तहत समूहों में रखा गया है। इन श्रेणियों को आगे 12 डोमेन में विभाजित किया गया है, अर्थात, शिक्षण परिणाम और गुणवत्ता (एलओ), एक्सेस परिणाम (एओ), शिक्षक उपलब्धता और व्यावसायिक विकास परिणाम (टीएपीडीओ), शिक्षण प्रबंधन (एलएम), शिक्षण संवर्धन क्रियाकलाप (एलईए), इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाएं, छात्रों के अधिकार (आईएफ एंड एसई), स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण (एसएस और सीपी), डिजिटल लर्निंग (डीएल), निधि का एकीकरण एवं इस्तेमाल (एफसीवी), सीआरसी निष्पादन में वृद्धि (सीआरसीपी), उपस्थिति निगरानी प्रणाली (एएमएस) और स्कूल नेतृत्व विकास (एसएलडी)।

पीजीआई-डी में जिलों को दस ग्रेडों में विभाजित किया गया है, यानी उस श्रेणी में अथवा कुल मिलाकर 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले जिलों के लिए उच्चतम ग्रेड ‘दक्ष’ प्रदान किया जाता है। पीजीआई-डी में निम्नतम ग्रेड को आकांक्षा -3 कहा जाता है, जो कुल अंकों के 10 प्रतिशत तक के स्कोर के लिए है। पीजीआई-डी का अंतिम उद्देश्य जिलों को स्कूली शिक्षा में हस्तक्षेप के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मदद करना है और इस प्रकार उच्चतम ग्रेड तक पहुंच में सुधार करना है।

पीजीआई-डी 2020-21 वर्तमान में संकलित किया जा रहा है। पीजीआई-डी 2018-19 और 2019-20 स्कूली शिक्षा की प्रगति की अंतर राज्य तुलना में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

2018 और 2019 के लिए पीजीआई-डी रिपोर्ट https://pgi.udiseplus.gov.in/#/home पर देखी जा सकती है।

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