पंचकूला/ अगनिपथ, युवाओं के जीवनकाल में नौकरी के नाम पर लिखा जाने वाला एक काला अध्याय : योगेश्वर शर्मा – News4 All

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पंचकूला/ अगनिपथ, युवाओं के जीवनकाल में नौकरी के नाम पर लिखा जाने वाला एक काला अध्याय : योगेश्वर शर्मा

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आप ने इसे जनहित में वापिस लिए जाने की मांग की

पंचकूला : आम आदमी पार्टी ने सेना में चार साल की भर्ती योजना अगनिपथ का जोरदार विरोध किया है तथा इसे देश व युवाओं के हित में नहीं बताया है। पार्टी ने इसे जनहित में वापिस लिए जाने की मोंग भी की है। पार्टी का कहना है कि किसान विरोधी तीनों काले कानूनों की तरह ही यह चार साल की सेना भर्ती योजना अगनिपथ भी युवाओं के जीवनकाल में नौकरी के नाम पर लिखा जाने वाला एक काला अध्याय ही है। पार्टी का कहना है कि इससे पहले की देर हो जाए सरकार को अबिलंब इसे वापिस ले लेना चाहिए और युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए स्थायी नौकरियों का प्रबंध करना चाहिए।

कल यहां जारी एक ब्यान में आप के उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि जिस किसी ने भी यह योजना तैयार की है, उसने युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सेना में जाना और देश के लिए नौकरी करना हर युवा का सपना होता है। हजारों युवाओं द्वारा देश की सीमा पर बलिदान देने के बावजूद आज भी करोड़ों युवा सेना में जाना अपना सौभागय समझते हैं और महज चार साल के लिए उसे सेना की नौकरी देना जैसे उसे सपने दिखाकर फिर उन्हें तोड़ देने वाली बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री एवं गृहमंत्री को देश के करोड़ों युवाओं की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और उनके आक्रोश को रोकने के लिए उनसे बात करनी चाहिए तथा उससे भी पहले इस आदेश को वापिस लेना चाहिए।

पार्टी के जिला प्रधान सुरेंद्र राठी ने कहा कि देश के कोने कोने में सरकार के इस फैसले का जोरदार विरोध हो रहा है। ऐसे में सरकार को भी अपनी गल्ती मान लेनी चाहिए कि उससे एक बार फिर गलत फैसला हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले किसान आंदोलन के नाम पर सैंकड़ों किसानों की शहादत हो गई और अब सेना में चार साल की भर्ती योजना अगनिपथ युवाओं की बलि ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आखिककार क्यों युवावर्ग को निराशा के अंधकार में धकेलने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि युवाओं ने इस सरकार से अपने लिए रोजगार मांगा है नाकि मौत का फरमान। उन्होंने भी सरकार से इस आदेश को रोकने की मांग करते हुए सेना में स्थायी भर्ती निकाले जाने की मांग की।

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