प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लगाने में मदद करने के लिए नियमित अवधि पर जांच करवाने पर दिया जोर
मोहाली : भारत 267 मिलियन से अधिक तंबाकू उपयोगकर्ताओं का योगदान करते हुए दुनिया में एक प्रमुख तंबाकू यूजर सेंटर बना हुआ है। यह स्पष्ट तथ्य महत्व रखता है क्योंकि लगभग 28.6 प्रतिशत वयस्क आबादी (15 वर्ष से अधिक आयु) वर्तमान में तंबाकू से संबंधित उत्पादों का उपयोग करती है, जिसमें लगभग 42.4 प्रतिशत पुरुष और 14.2 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। वहीं इसके साथ ही 13-15 आयु वर्ग में, 8.5 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करती है, जिसमें लडक़े 9.6 प्रतिशत और लड़कियां 7.4 प्रतिशत हैं। यह बात फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के पल्मोनोलॉजी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप स्टडीज के डायरेक्टर डॉ. जफर अहमद इकबाल बताई। इस दौरान उन्होंने यहाँ जारी एक एडवाइजरी में मानव शरीर पर तंबाकू के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में भी बताया।
तंबाकू से संबंधित उत्पादों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के आयोजन का थीम ‘‘टोबैको इज किलिंग अस एंड अवर प्लेनेट (तंबाकू हमें और हमारे ग्रह को मार रहा है) है।
स्वास्थ्य के मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने पर जोर देते हुए, डॉ जफर ने कहा कि ‘‘फोर्टिस मोहाली में, हम पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और पश्चिमी यूपी से तंबाकू के सेवन से प्रभावित रोगियों को प्राप्त करते हैं। एक सिगरेट पीने से हमारी जिंदगी के करीब 10 मिनट तक कम हो सकते हैं। धूम्रपान स्लिटबर्थ यानि जन्म के समय मृत शिशु, बांझपन और नपुंसकता से भी जुड़ा हुआ है।’’
उन्होंने बताया कि तंबाकू में निकोटिन होता है जो दिमाग में डोपामिन रिलीज करता है, जिससे यह नशे की लत बन जाता है। इसके सेवन में सिगरेट धूम्रपान, गुटखा, बीड़ी आदि शामिल हैं जो शरीर में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का अवशोषण करते हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन से खांसी, सांस फूलना, सीने में दर्द, निगलने में कठिनाई, थूक में रक्त, भूख और वजन में कमी, आवाज की गुणवत्ता में बदलाव, मूत्र संक्रमण आदि जैसे लक्षण होते हैं। तंबाकू से संबंधित उत्पादों के उपयोग से फेफड़े, मुंह, जीभ, अन्नप्रणाली, पेट, अग्न्याशय, आंतों, मलाशय, मूत्राशय और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर, रक्त कैंसर, सीओपीडी से संबंधित सांस लेने में समस्या, स्ट्रोक, हृदय रोग, दंत और दृश्य समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ. जफर बताया कि व्यक्तिगत स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास इस प्रथा को रोकने में काफी मददगार हो सकते हैं। उनका कहना है कि ‘‘एक दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता एक व्यक्ति को धूम्रपान छोडऩे और तंबाकू उत्पादों का सेवन करने में मदद कर सकती है। फोर्टिस मोहाली इस संबंध में लोगों को मेडिकल केयर और कंसल्टेशन प्रदान करता है।
सावधानी बरतने संबंधित सलाह देते हुए, डॉ जफर ने कहा कि ‘‘जो लोग धूम्रपान करना जारी रखते हैं या लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं, उन्हें कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के लिए अपनी जांच करवानी चाहिए। लक्षणों के सामने आने का इंतजार न करें। नियमित फॉलो-अप प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लगाने में मदद कर सकता है।’’