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मोहाली/ फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी से प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को दी नई जिंदगी

✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

 

चंडीगढ़ : स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाते हुए, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली की अनुभवी और एक्सपर्ट यूरोलॉजी टीम ने हाल ही में सबसे एडवांस्ड फोर्थ जेनरेशन की रोबोटिक मशीन-दा विंची के साथ कई मरीजों की सफल सर्जरीज की हैं।

रोबोटिक सर्जरी न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी का नवीनतम रूप है और रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव क्षेत्र का एक 3डी व्यू मिलता है। शरीर के जिन हिस्सों तक मानव हाथ से पहुंचना मुश्किल होता है, वहां पर एक माइक्रो रोबोट असिस्टड आम्र्स की सहायता से पहुंचा जा सकता है जो 360 डिग्री तक घूम सकते हैं। इस सर्जरी में मरीजों का खून भी बेहद कम निकलता है और इसके निशान भी न्यूनतम होते हैं और मरीज की रिकवरी भी काफी तेजी से होती है।

डॉ.मनीष आहूजा, कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, रोबोटिक एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली, ने कहा कि ‘‘प्रोस्टेट एक प्रजनन ग्रंथि है और अक्सर पुरुषों की उम्र 50 वर्ष होने के बाद शरीर में होने वाले हार्मोन परिवर्तन के कारण इनका आकार बढ़ सकता है। अधिकांश पुरुषों में नॉन-कैंसर वृद्धि होती है लेकिन यह हो सकती है कुछ में ये कैंसर का रूप भी धारण कर ले। यदि समय पर पता चल जाए तो रोबोटिक सर्जरी से इस ग्रंथि को हटाया जा सकता है। रोबोट-सहायता प्राप्त तकनीक का उपयोग करके कई जटिल और नाजुक सर्जरी अधिक सटीकता के साथ की जा रही हैं।’’

आहूजा के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने पिछले महीने एक 65 वर्षीय व्यक्ति पर रोबोट असिस्ट्ड ऑम्र्स के माध्यम से सफल रेडिकल प्रोस्टेटैक्टमी सर्जरी की। रोगी, भाग राम नागरा, बार-बार पेशाब आने और बेचैनी के लक्षणों के साथ फोर्टिस मोहाली में पहुंचे थे। उनकी विस्तृत जांच और एक प्रोस्टेट-स्पेसफिक एंटीजन (पीएसए) ब्लड टेस्ट किया गया था। इसकी रिपोर्ट में उनके प्रोस्टेट में हाई सीरम स्तर सामने आया था। मरीज का एमआरआई स्कैन और प्रोस्टेट की बायोप्सी की गई। बायोप्सी से पता चला कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर था और ट्यूमर स्टेज 1 में था। प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुष प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है और पेल्विक कैविटी (श्रोणि गुहा) के अंदर गहराई में स्थित है। ग्रंथि को एक ओपन सर्जरी से हटाने के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना होता है।

डॉ.आहूजा और उनकी टीम ने अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक से एक सर्जरी की और रोगग्रस्त ग्रंथि को मरीज के शरीर से हटा दिया। मूत्राशय को वापस मूत्र मार्ग में सिल दिया गया था। फोर्टिस में अच्छे रीहैबलिटेशन के बाद, मरीज की तेजी से रिकवरी हुई और सर्जरी के चार दिन बाद उनको छुट्टी दे दी गई।

एक अन्य मामले में, एक 25 वर्षीय व्यक्ति ने पिछले महीने पेरिनेम में रेडिएशन के साथ पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द के साथ फोर्टिस अस्पताल मोहाली से संपर्क किया।

एक अन्य मरीज, अभिषेक ऐरी, को जिनर सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ जन्मजात असामान्यता का पता चला था। जिऩर सिंड्रोम सेमिनल वेसाइल (वीर्य पुटिका) और इससिलेट्रल अप्पर यूरिनरी ट्रेक्ट (ऊपरी मूत्र पथ) की एक दुर्लभ जन्मजात विकृति है। रोगी को जन्म से ही इजेकुलेटरी डक्ट (स्खलन वाहिनी) में रुकावट, सेमिनल वेसाइल के सिस्ट और उसको जन्म से ही एक किडनी थी। उनके दर्द को दूर करने के लिए सिस्ट को तुरंत हटाना पड़ा। प्रोस्टेट जैसे सेमिनल वेसिकल्स पेल्विक कैविटी में गहरे स्थित होते हैं और ओपन सर्जरी से उन तक पहुंचना मुश्किल होता है। ऐसे में उनकी भी एक गहन रोबोटिक सर्जरी की गई।

डॉ.आहूजा ने रोबोट की मदद से सर्जरी की और सिस्ट को सफलतापूर्वक हटा दिया। रोगी को स्वास्थ्य संबंधी जटिलता से काफी राहत मिली और सर्जरी के दो दिन बाद उनको छुट्टी दे दी गई।

फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में अपने उपचार की सराहना करते हुए, रोगी अभिषेक ने कहा कि ‘‘मैंने कई अस्पतालों से संपर्क किया, लेकिन मैं वहां पर मिल रहे उपचार से संतुष्ट नहीं था। मुझे बहुत दर्द हो रहा था और अंत में मैं फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली पहुंचा जहां मेरी मुलाकात डॉ.मनीष आहूजा से हुई। उन्होंने मेरे केस का अच्छी तरह से स्टडी किया और रोबोटिक सर्जरी के बारे में मुझे सही जानकारी प्रदान की। सर्जरी के बाद, मैं काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं और मेरे शरीर में नई ऊर्जा आ गई है और मुझे चलने और अपने दैनिक कार्यों को करने में कोई समस्या नहीं है। मैं प्रोस्टेट संबंधित जटिलताओं का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए रोबोटिक सर्जरी की सलाह देता हूं।’’