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दरभंगा/ सी एम कॉलेज में पुनर्नियुक्त अतिथि शिक्षकों का किया गया अभिनंदन

✍️ हरिमोहन चौधरी, दरभंगा (बिहार)

 

शिक्षकों के लिए छात्र वास्तविक धरोहर,अपने सकारात्मक प्रयास से बने आदर्श शिक्षक- प्रो गोपी रमण सिंह

मारवाड़ी महाविद्यालय के पूर्व समाजशास्त्र के प्राध्यापक डा अलख निरंजन सिंह लिखित ‘ग्रामीण समाजशास्त्र’ पुस्तक का हुआ लोकार्पण

जरूरतमंद छात्रों को हर तरह से मदद देकर सर्वगुण संपन्न बनाना शिक्षकों का मुख्य दायित्व- डा पी के चौधरी

सी एम कॉलेज परिसर में प्रधानाचार्य, समाजविज्ञान के डीन तथा अतिथि शिक्षकों द्वारा किया गया पौधारोपण

दरभंगा : सी एम कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं विख्यात समाजशास्त्री प्रो विश्वनाथ झा की अध्यक्षता में समाजशास्त्र विभाग के पुनर्नियुक्त अतिथि शिक्षकों का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया,जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष तथा समाजविज्ञान के डीन प्रो गोपी रमण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के 18 अतिथि शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति हुई है। ये शिक्षक हर तरह से योग्य एवं विषय-विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अतिथि शिक्षकों से कहा कि आप अपनी योग्यता को कम न आंके तथा अपनी योग्यता व कार्यों से पहचान बनाएं,क्योंकि क्रियाशील शिक्षक ही सफल होते हैं। शिक्षकों के लिए छात्र वास्तविक धरोहर होते हैं।हमारा प्रयास हमेशा सकारात्मक होना चाहिए,तभी शिक्षक जीवन सार्थक हो सकता है।

इस अवसर पर मारवाड़ी महाविद्यालय के समाजशास्त्र के पूर्व प्राध्यापक डा अलख निरंजन सिंह लिखित “ग्रामीण समाजशास्त्र” पुस्तक का लोकार्पण किया गया जो 19 अध्यायों में विभक्त है तथा शब्द प्रकाशन,दिल्ली से प्रकाशित है। डा सिंह ने उपस्थित सभी शिक्षकों को अपनी ओर से पुस्तक की एक प्रति भेंट की। समाजविज्ञान के डीन तथा सभी उपस्थित शिक्षकों ने सी एम कॉलेज परिसर में पौधारोपण भी किया।

शिक्षकों का स्वागत करते हुए सी एम कॉलेज के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डा पी के चौधरी ने कहा कि सभी अतिथि शिक्षक विश्वविद्यालय समाजशास्त्र परिवार के सम्मानित सदस्य हैं। मैं आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। जरूरतमंद छात्रों को हर तरह से मदद देकर सर्वगुण संपन्न बनाना हम शिक्षकों का मुख्य दायित्व है। अपने शिक्षण-कार्य एवं महाविद्यालयी कार्य के प्रति समर्पण होना ही हमें सफल शिक्षक बनाता है।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग की शिक्षिका डा सरिता कुमारी ने सभी अतिथि शिक्षकों को उनके पुनर्योगदान की बधाई देते हुए कहा कि समाजशास्त्र हम शिक्षकों के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म है,जहां हम अपने छात्र- छात्राओं के साथ ही समाजशास्त्र के विकास हेतु कार्य करते हैं।

स्थानीय के एस कॉलेज, लहेरियासराय के समाजशास्त्र के अतिथि शिक्षक डा राजेश कुमार चौधरी ने अतिथि शिक्षकों के संघर्ष की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमलोग सरकार और न्यायालय के माध्यम से 65 वर्ष सहित अन्य मांगों की पूर्ति हेतु प्रयासरत हैं।

अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो विश्वनाथ झा ने सभी शिक्षकों को शुभकामना देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के 24 महाविद्यालयों में अभी भी समाजशास्त्र की पढ़ाई नहीं होती है,जहां समाजशास्त्र के पठन-पाठन की व्यवस्था की जरूरत है। उन्होंने मैट्रिक स्तर से ही समाजशास्त्र को अलग विषय के रूप में पढ़ाई प्रारंभ करने की जरूरत को रेखांकित किया।

स्वागत समारोह में एमआरएम, कॉलेज से डा शगुफ्ता खान,डा पुतुल सिंह, एचपीएस कॉलेज, मधेपुर से डा रजनी सिंह, बी एम कॉलेज,रहिका से डा अदिति भारती, मारवाड़ी महाविद्यालय से डा श्यामानंद चौधरी,सी एम कॉलेज से प्रो संजीव कुमार तथा संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया,एमकेएस कॉलेज, चंदौना से डा मनीष यादव, इम्तियाज अहमद तथा प्रधान सहायक विपिन कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सी एम कॉलेज के समाजशास्त्र के प्राध्यापक डा मयंक श्रीवास्तव ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के बिना विश्वविद्यालय समाजशास्त्र परिवार अपूर्ण है।