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अररिया/ कोरोना काल में भी बंधन बैंक के ऋणियों को किस्त जमा करने हेतु बैंक कर्मियों द्वारा किया जा रहा है मजबूर

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✍️ बबलू सिंह, नरपतगंज (अररिया)

नरपतगंज (अररिया) : अब जबकि देश कोरोना महामारी के दूसरे लहर से कराह रहा है।दूर-दूर तक इसका तत्काल कोई उपाय भी नजर नहीं आता। कई स्वयंसेवी संस्थाऐं आगे बढ़कर लोगों की मदद में जुटे हैं, तो वहीं बंधन बैंक कर्मियों के द्वारा ऋणियों को किस्त जमा करने हेतु विवश किया जा रहा है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाजार ठीक ढंग से खुल भी नहीं पाता है एक प्रकार से अघोषित लॉकडाउन लगा हुआ है। लोगों का व्यापार चौपट हो चुका है और घर खर्च चलाने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद ऐसी विषम परिस्थिति में ऋणी को अपने कर्ज का साप्ताहिक या मासिक क़िस्त जमा करने को बाध्य किया जा रहा है। लोग काफी परेशान हैं और बंधन बैंककर्मी हैं कि किसी की कुछ भी सुनने को तैयार ही नहीं है, उसे बस अपने ऋण के क़िस्त की पड़ी है।

इसी कड़ीं में आज 3 मई, 2021 सोमवार को नबाबगंज पंचायत के वार्ड संख्या 05 में मधु देवी के दरवाजे पर बंधन बैंक कर्मी खगेश कुमार “बेली ग्रुप” हेतु ग्रुप लगाकर साप्ताहिक क़िस्त का कलेक्शन करने हेतु पहुंचे थे। ग्रुप में पहुंची कई महिलाओं ने अपने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगा रखा था और सोशल डिस्टेंसिंग का तो सवाल ही नहीं उठता। ये बंधन बैंक कर्मी कई जगह जाकर ग्रुप लगाते हैं और सैकड़ों लोगों से मिलते है, ऐसे में यदि किसी प्रकार कोरोना का संक्रमण हुआ तो यह कितना भयानक होगा अंदाजा लगाया जा सकता है और इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ?

संवाददाता द्वारा इस बाबत बंधन बैंक कर्मी खगेश कुमार से जब पूछा गया कि अभी कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है और ऐसे में ग्रुप लगाकर आपके द्वारा साप्ताहिक क़िस्त वसूला जा रहा है ,जबकि कई बैंकों ने अपने ईएमआई को फिलहाल टाल दिया है। इस पर उन्होंने कहा कि हमलोग फुलकाहा बंधन बैंक के ब्रांच मैनेजर पुरेन्दू आर्या के निर्देश पर कलेक्शन करने आये हैं। उन्होंने कहा कि हम क्या कर सकते हैं? वहीं ग्रुप में उपस्थित रीना देवी ने बताया कि हमारे पति का कामकाज ठप है और ऐसी स्थिति में क़िस्त कहां से चुकाएं? नीलम देवी बताती हैं कि हमारा व्यापार चौपट हो गया है और ऐसे में स्थिति जबतक सामान्य नहीं होता, तबतक साप्ताहिक क़िस्त कैसे चुका पाएंगे। वहीं मंजू देवी, नूतन देवी, दीपा देवी, अनार देवी आदि महिलाओं ने बताया कि हम सबका काम काज प्रभावित है। तीन-चार घंटे ही दुकान खुल पाता है और बाजार में पूर्व की भांति लोग नहीं आते हैं तो इस स्थिति में घर का खर्च भी बड़ी मुश्किल से ही चल पाता है। खाने-पीने के सामानों का मूल्य आसमान छू रहा है और इस कारण घर चलाना ही मुश्किल हो गया है फिर क़िस्त कैसे चुकाएं।

बताते चलें कि बंधन बैंक द्वारा ऋण पर करीब 18℅ व्याज लिया जा रहा है, जो अन्य बैंकों की तुलना में सर्वाधिक है।

अगर इन बंधन बैंक कर्मियों की वजह से कोरोना संक्रमण फैला या ऋणी पर क़िस्त हेतु दिए जा रहे दबाब में आकर किसी परिवार का कोई व्यक्ति आत्महत्या कर ले तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? प्रखंड विकास पदाधिकारी नरपतगंज, अनुमंडल पदाधिकारी फारबिसगंज एवं जिला पदाधिकारी अररिया को इस विषय पर स्वतः संज्ञान संज्ञान लेते हुए अभिलंब बंधन बैंक कर्मियों द्वारा लगाए जाने वाले ग्रुप को रोका जाना चाहिए, जिससे लोगों पर बेवजह क़िस्त देने के दबाव न पड़े और इस विषम परिस्थिति का सामना कर सके।

इस संबंध में पूछे जाने पर बंधन बैंक फुलकाहा के शाखा प्रबंधक पुरेन्दू आर्या ने बताया कि ग्रुप नहीं लगाने, ऋणी से क़िस्त नहीं लेने को लेकर हमलोगों को कोई आदेश या दिशा निर्देश न तो बैंक की तरफ़ से मिला है और न ही सरकार की तरफ से। जहां तक महिलाओं के मास्क न लगाने का सवाल है, तो हमारे कर्मी द्वारा उन्हें मास्क लगाने को कहा जाता है।

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