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अररिया/ प्रभात द्वारा उपस्वास्थ्य केंद्र के लिए जमीन देने की घोषणा के बाद भी विभाग व प्रशासन मौन

: न्यूज़ डेस्क :

डीएम साहब द्वारा कोई कदम नही उठाने से ग्रामीणों में रोष

उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं बना तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा : प्रभात

फारबिसगंज (अररिया) : प्रखंड क्षेत्र में एक ऐसा ग्राम पंचायत भी है जहां आजादी के कई दशक बाद भी स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, मजदूरों को रोजगार नहीं है। ग्राम पंचायत अड़राहा आजादी से पूर्व जैसी तमाम समस्याओं से आज भी जूझ रहा हैं । हम बात कर रहे हैं फारबिसगंज के अड़राहा पंचायत की। यह ग्राम पंचायत प्रखंड के सबसे अंतिम छोर में बसा हुआ है। यहां लगभग 6000 मतदाताओं की संख्या के साथ ही लगभग 15 हजार से अधिक की आबादी है।

आइए जानते हैं क्या पूरी मामला फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के अड़राहा पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव कई बार जिलापदाधिकारी के पास आवेदन दिया है साथ ही 10 डिसमिल जमीन भूदान के लिए भी तैयार है लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया है। प्रभात यादव महीनों से डीएम साहब के कार्यालय का चक्कर लगा रहै है लेकिन उनको बार बार निराशा हाथ लग रही है। डीएम को जब प्रभात यादव ने कहा कब तक हो जाएगा तो साहब तो डीएम ठहरे कोई उनसे सवाल कैसे कर सकता, अकड़ तो उनके कुर्सी में ही है । फिर क्या था डी एम साहब ने भी अकड़ दिखाते हुए कहा पंखा का बटन थोड़े है जो टिप दो हो जाएगा। उनके कहने का मतलब साफ था तुम आओ, चक्कर लगाओ, जब मन होगा तब करूंगा अन्यथा नहीं।

प्रभात यादव ने बताया कि डीएम साहब तो मिलते तक नहीं जल्दी ,मिलने पर आम जनता को कोई सम्मान ही नहीं देते है, पूरे अकड़ अंदाज में बात करते है। वैसे साहब तो डीएम ठहरे बिहार में तो मामूली कर्मचारी में भी अकड़ होता है, उनका भी वर्षो तक चक्कर लगाना पड़ता है तब काम होता है। वैसे बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या स्थिति है जग जाहिर है अक्सर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते रहता है जिनमे कभी रिक्शा पर मरीज ले जाया जाता तो कभी ठेला पर। कभी हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं होता तो कभी दवाई।

बिहार के हॉस्पिटल का स्थिति तो बद से बत्तर है। आज भी कई गाँव के लोगों को कई किलोमीटर दूर ईलाज के लिए जाना पड़ता है उसी में से एक गाँव है फारबिसगंज प्रखंड का अड़राहा पंचायत । फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के अड़राहा पंचायत से अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है। अड़राहा पंचायत फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के सबसे अंतिम छोर में बसा है, जिनके कारण अड़राहा पंचायत वासियों को फारबिसगंज जाने में काफी परेशानी होती है। यदि रात में कोई घटना हो जाये तो इतनी दूर जाने के लिए कोई साधन भी नहीं होता है। गांव में सबके पास अपना गाड़ी नही है। दिन में किसी को कुछ हो तो किसी तरह चले जाते लेकिन रात में कोई घटना हो जाये तो उतना दूर जाने में काफी परेशानी होती है,देर होने पर कई बार अनहोनी भी हो जाती है। गांव में किसी को सांप काट ले तो इतने दूर जाने तक मे तो मौत हो जाती, वही अस्पताल नजदीक नहीं होने के कारण लोग अंधविश्वास में पड़ जाते है, गांव के भगत आदि से झड़वाने लगते है जिनके कारण कई बार मौत भी हो जाती है। वही किसी गर्भवती महिला को रात में किसी तरह की परेशानी हो तो उतनी दूरी तय करने में काफी परेशानी होती। गांव में वाहन नहीं होने कारण बैलगाड़ी से गर्भवती महिला को ले लाया जाता है जिनके कारण काफी देरी हो जाती है और जान बच नहीं पाता।

सरकार स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने की बात करते रहते है लेकिन इतने दूर दूर पर अस्पताल रहने से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। प्रभात यादव ने कहा कि अब उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं बना तो मैं आन्दोलन के लिए बाध्य हूँगा। मैं जेल जाने से डरता नहीं हूँ। पूर्व में भी मैंने कई आंदोलन करके समाज मे कार्य किये है और आगे भी करता रहूंगा।